
हमारा उद्देश्य
राजस्थान के इतिहास में जोधपुर के पास स्थित खेजड़ली ग्राम में सन् 1730 के दौरान अमृतादेवी विश्नोई व उनकी तीन बेटियों सहित 363 लोगों द्वारा वृक्षों को बचाने के लिए दिया गया बलिदान, पर्यावरण संरक्षण का एक अद्भुत - अनुपम प्रेरक प्रसंग है। उनकी स्मृति में ही संस्थान का नाम' अमृतादेवी पर्यावरण नागरिक संस्थान ' ( अपना संस्थान) रखा गया।


01
पौधारोपण
अनेक स्थानों पर पंचवटी, नवग्रह, नक्षत्र आदि वैदिक वाटिकाओं की स्थापना की गई है।


02
जल संचयन व संरक्षण
भीलवाड़ा में जल संरक्षण व संचयन का कार्य वर्ष 2002 से किया जा रहा है।
03
पर्यावरण गोष्ठी
जैव विविधता के लिए विभिन्न प्रकार के फलदार पौधे अधिकाधिक लगाने की आवश्यकता है।


04
भारतीय नववर्ष
भारतीय नववर्ष चेत्र शुक्ला प्रतिपदा को सृष्टि दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पर्यावरण क्विज प्रतियोगिता का होगा आयोजन, तैयारियां तेज
अपना संस्थान द्वारा अमृतादेवी पर्यावरण क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।प्रतियोगिता के लिए संस्थान की - वैचारिक बैठक एडवोकेट राघव आचार्य के निवास पर संस्थान के प्रांत सचिव विनोद मेलाना के नेतृत्व में आयोजित की गई। जिसमें हरित संगम 2025 के आयोजन की रूपरेखा तैयार करते हुए हरित संगम 11 से 15 जनवरी तक चित्रकूट धाम में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। - लिखित परीक्षा 26 नवंबर को 11:30 से 12:30 बजे के मध्य भीलवाड़ा शहरी क्षेत्र में संबंधित विद्यालय में किया जाएगा।
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26
सघन वन लगाए गए
10,00,000+
से अधिक पौधारोपण किया गया
60,000
परिंड े वितरित किये गए
76
रसोई बगिया बनाई गयी
46,000
पक्षी घर वितरित किये गए